किसी व्यक्ति के संबंध में पौष्टिकता संबंधी स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए एन्थ्रोपोमेट्री एक सामान्य, नॉन-इन्वेसिव, तीव्र तथा विश्वसनीय विधि है।

वजन

वृद्ध व्यक्तियों के लिए एक सीधा बीम स्केल प्रयोग में लाया जा सकता है। ऐसे व्यक्ति जो केवल बैठ सकते हैं उनके लिए एक चलनशील व्हीलचेयर संतुलन बीम स्केल का प्रयोग किया जा सकता है। बिस्तर पर पड़े रोगियों के वज़न को मापने के लिए जरा चिकित्सा अस्पताल में बैड स्केल का प्रयोग किया जाना चाहिए। शरीर के आदर्श वज़न से 20% कम वज़न शरीर के कुल प्रोटीन में काफी अधिक कमी को इंगित करता है तथा उसके लिए तुरंत कार्रवाई और जांच की आवश्यकता है।

कद

ऐसे वृद्ध व्यक्ति जो कि सक्रिय हैं उनके कद को सीधे खड़ी अवस्था में बिना झुके मापा जाना चाहिए। जब सीधी खड़ी अवस्था में कद को मापना संभव न हो, कद का अनुमान लगाने के लिए लेटी हुई अवस्था में घुटने की लम्बाई को (घुटने की लम्बाई को मापने के लिए कैलीपर का प्रयोग करके) का अनुमान लगाया जा सकता है। कद को निम्नलिखित फ़ार्मुले का प्रयोग करके भी मापा जा सकता हैः

पुरुषों का कद =(2.02 x घुटने की लम्बाई) – (0.04 x आयु) + 64.19
महिलाओं का कद =(1.83 x घुटने की लम्बाई) – (0.24 x आयु) + 84.88

इन समीकरणों में घुटने की लम्बाई सेन्टीमीटरों में हैं, तथा आयु को समीपवर्ती सम्पूर्ण वर्ष मान लिया जाता है

एन्थ्रोपोमैट्रिक सूचकांक

समग्र शरीर वसा का अनुमान लगाने के लिए बीएमआई का विस्तृत प्रयोग किया जाता है। निम्नलिखित फार्मूले का प्रयोग करके बीएमआई का अनुमान लगाया जा सकता है

बीएमआई = वज़न (किलोग्राम)/कद(एम2)

बीएमआई के अऩुसार स्वस्थ वज़न से न्यून वज़न, अधिक वज़न तथा मोटे वयस्कों का अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण

वर्गीकरण बीएमआई (किलोग्राम/एम)
प्रधान कट-ऑफ प्वाइंट अतिरिक्त कट-ऑफ प्वाइंट
स्वस्थ वज़न से न्यून वज़न <18.50 <18.50
बहुत अधिक दुबलापन <16.00 16.00
मध्यम दुबलापन 16.00 – 16.99 16.00 – 16.99
हल्का दुबलापन 17.00 – 18.49 17.00 – 18.49
सामान्य रेंज 18.50 – 24.99 18.50 – 22.99
स्वस्थ वज़न से अधिक वज़न ≥25.00 ≥25.00
मोटापे से पूर्व की स्थिति 25.00 – 29.99 25.00 – 27.49
27.50 – 29.99
मोटापा ≥30.00 ≥30.00
मोटापा वर्ग 1 30.00 – 34-99 30.00 – 32.49
32.50 – 34.99
मोटापा वर्ग 2 35.00 – 39.99 35.00 – 37.49
37.50 – 39.99
मोटापा वर्ग 2 ≥40.00 ≥40.00

स्रोत : डब्ल्यू एच ओ से लिया गया, 1995, डब्ल्यू एच ओ, 2000 और डब्ल्यू एच ओ 2004
बीएमआई मूल्य आयु पर निर्भर करते हैं तथा स्त्री तथा पुरुष दोनों के लिए समान है। ऊँचाई (कद) और वज़न में 1% से कम तक का विचलन गुणांक होता है, तथा वयोवृद्धों में इसे काईफोसिस द्वारा परिवर्तित किया जा सकता है तथा बीएमआई व्याख्या को अमान्य बना सकता है।
किसी वयोवृद्ध व्यक्ति का बॉडी मॉस इन्डेक्स (बी एम आई) उसकी आयु के कार्य के अनुसार परिवर्तित होता रहता है। विशिष्ट रुप से पुरुषों में उनकी उम्र के बढ़ने के साथ बी. एम. आई में गिरावट आती है। बी. एम. आई. में गिरावट का संबंध समय के साथ साथ लीन बॉडी मॉस में गिरावट के साथ हो सकता है; लीन बॉडी मॉस पुरुषों में जीवन भर महिलाओँ की तुलना में अधिक होता है।

वयोवृद्ध व्यक्तियों के लिए डिज़ाइन किए गए पौष्टिकता संबंधी स्थिति के लिए विशिष्ट मूल्यांकन टूल्स

लघु पौष्टिकता संबंधी मूल्यांकन (एम एन ए)

एम एन ए को सामान्य व्यवहार में तथा नर्सिंग होम अथवा अस्पताल में भरती होने पर वयोवृद्ध व्यक्तियों में कुपोषण के जोखिम का मूल्यांकन करने के लिए विकसित किया गया था। इसमें सामान्य स्वास्थ्य मूल्यांकन, आहार विषयक मूल्यांकन, एन्थ्रोपोमैट्रिक मूल्यांकन, रोगी का व्यक्तिपरक मूल्यांकन तथा वैश्विक मूल्यांकन किया जाता है। वैश्विक मूल्यांकन में स्वतंत्र जीवन यापन संबंधी प्रश्न, विहित की गई औषधि का प्रयोग, मनोवैज्ञानिक तनाव, जीर्ण रोग, सचलता, मनोभ्रंश तथा त्वचा संबंधी स्थितियां शामिल होती हैं। एम एन ए वयोवृद्ध व्यक्तियों में कुपोषण का पता लगाने के लिए अत्यधिक सरल, नॉन-इन्वेसिव, प्रचालन में सरल, रोगी उन्मुख, कम खर्चीला, अत्यधिक संवेदनशील, अत्यधिक विशिष्ट, विश्वसनीय तथा मान्यकृत स्क्रीनिंग टूल है। विकासात्मक अध्ययन के अनुसार, पौष्टिकता के क्षेत्र में दो विशेषज्ञों द्वारा किए गए नैदानिक मूल्यांकन की तुलना में 92% सटीकता प्राप्त की गई, तथा जैव रासायनिक परीक्षणों, एन्थ्रोपोमैट्रिक मापों तथा आहार विषयक मूल्यांकन को शामिल करते हुए व्यापक पौष्टिकता संबंधी मूल्यांकन के साथ तुलना की गई तो यह 98% सटीकता देखी गई। इस टूल में जैव रासायनिक परीक्षण, जिनसे मान्यकरण परीक्षणों के दौरान कोई अतिरिक्त लाभ नहीं पाया गया था, को शामिल नहीं किया गया है (न्यूट्र रिव 1996; 54 एस 59±65)

पौष्टिकता संबंधी स्क्रीनिंग पहल

एन एस आई अमरिकन डायटैटिक एसोसिएशन, दि अमरीकन अकेडमी ऑफ फैमिली फीजिशियन्स, तथा दि नैशनल काउंसिल ऑन एजिंग का एक बहुविषयक प्रयास है जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य और चिकित्सा देखभाल व्यवस्थाओं में रोजमर्रा की पौष्टिकता संबंधी स्क्रीनिंग को बढ़ावा देना है ताकि वयोवृद्ध व्यक्तियों में कुपोषण के जोखिम के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। इस पहल के अंतर्गत तीन स्तरों पर स्क्रीनिंग और मूल्यांकन किया जाता है। पहली जांच सूची है जिसे स्वयं भरने के लिए तैयार किया गया है (लेकिन इसे देखभालकर्ताओं द्वारा भी भरा जा सकता है) तथा इसमें हां/नहीं में उत्तर देने वाले और अंक अर्जित किए जा सकने वाले 10 (उनके महत्व के अनुसार) प्रश्न हैं जो पौष्टिकता की कमी से जुड़े चेतावनी लक्षणों का वर्णन करते हैं। इन प्रश्नों में आहार संबंधी मूल्यांकन (खाने की संख्या, आहार तथा एल्कोहल सेवन, तथा खाना पकाने और खाने के संबंध में स्वायत्तता), सामान्य मूल्यांकन (चिकित्सा स्थिति, दवाएं, मुख संबंधी स्वास्थ्य, तथा वज़न में कमी आना), तथा सामाजिक मूल्यांकन (आर्थिक दिक्कत, तथा यदा कदा होने वाले सामाजिक सम्पर्क) संबंधी प्रश्न हैं। जांच सूची की वैधता की जांच पूर्ववर्ती तथा अग्रवर्ती अध्ययनों के अंतर्गत की गई थी। अधिक अंक प्राप्त करने वाले व्यक्तियों में निम्नतम पौष्टिकता स्तर पाए जाने की संभावना थी तथा उनमें रुग्णता का जोखिम अधिक था। एन एस आई जांच सूची संक्षिप्त, सरलता से अंक प्राप्त किए जा सकने वाला स्क्रीनिंग टूल है जिसके द्वारा निम्न पौष्टिकता ग्रहण करने वाले सामुदायिक वयोवृद्ध व्यक्तियों तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रसित व्यक्तियों की पहचान की जा सकती है।

नुरास

अमरीकी एन एस आई की तरह, नुरास का विकास तथा विधिमान्यकरण जर्मनी के जांचकर्ताओं द्वारा किया गया था जिसका उद्देश्य अस्पताल में भर्ती वयोवृद्ध व्यक्तियों की पौष्टिकता संबंधी समस्याओं के संबंध में चिकित्सकों की जागरुकता बढ़ाना था। यह मूल्यांकन पैमाना पौष्टिकता के लिए सरल तथा विश्वसनीय स्क्रीनिंग टूल है तथा इसे व्यापक जराचिकित्सा मूल्यांकन के हिस्से के रुप में लागू किया जा सकता है। इसमें जठरांत्र अनियमितताओं, दर्द, गतिहीनता, वजन, भूख में परिवर्तन, खाना खाने में कठिनाई, दवा, संज्ञानात्मक अथवा भावनात्मक समस्याओं, दवा, धूम्रपान तथा ड्रिंकिंग आदतों तथा सामाजिक स्थिति जैसी 12 मदें शामिल की गई हैं। 4 प्वाइंट से अधिक के कट-ऑफ स्कोर से वयोवृद्ध व्यक्ति को न्यूनपोषित माना जाना चाहिए। इसी प्रकार से, इस पैमाने से उन उपचार योग्य जोखिम कारकों की पहचान करके जिनके कारण निम्न पौष्टटिकता स्थिति विकसित हुई है, का इलाज करने में सुविधा प्राप्त होती है। इस पैमाने की उपयोगिता को अस्पताल में भर्ती रोगियों के संबंध में प्रमाणित किया गया है लेकिन अन्य व्यवस्थाओं में इसके अनुप्रयोग की अभी जांच की जानी है। इसके साथ, इस पैमाने की पूर्वानुमान वैधता को साबित करने के लिए और अधिक जांच पड़ताल की आवश्यकता है। (एन्न नुट्र मेटैब 1995;39:340±5)

स्क्रीन

सामुदायिक स्थिति में रहने वाले वयोवृद्धि व्यक्तियों में पौष्टिकता संबंधी जोखिम का निर्धारण करने के लिए एक सरल, व्यवहार्य, वैध तथा विश्वसनीय स्क्रीनिंग टूल का विकास करने के प्रयास के अंतर्गत कनाड़ा के विशेषज्ञों ने 15- मदों से युक्त एक प्रश्नावली तैयार की थी, स्क्रीन (समुदाय में वरिष्ठ :भोजन करने तथा पौष्टिकता के संबंध में जोखिम मूल्यांकन) तथा इसे स्वयं अथवा साक्षात्कारकर्ता द्वारा प्रचालित किया जा सकता है। प्रश्नावली के प्रश्नों में वजन में परिवर्तन, सीमित अथवा न खाए जाने वाले आहार की संख्या, खाना खाने की बारम्बारता, फल तथा सब्जियों, मांस, दूध तथा दूध उत्पादों तथा द्रव्य पदार्थों का उपभोग, चबाना, खाना तथा निगलना, अकेले खाना, आहार प्रतिस्थापन (जैसे ऐन्श्यूर), भूख, खाने के लिए पैसा, भोजन पकाना, तथा शापिंग। इसके अंतर्गत विषय वस्तु वैधता तथा आंतरिक और परीक्षण-पुनर्परीक्षण विश्वसनीयता साबित हुई है। बाद में, नैदानिक निर्णयों के साथ उत्तरवर्ती कन्स्ट्रक्ट वैधता की पुष्टि हुई है (जे जेरोनटोल 2001:56A:M552±8)