वृद्धावस्था में अकेले जीवन यापन करना एक वास्तविकता है। कुछ लोगों का जीवन अपने पति या पत्नी से अधिक लम्बा होता है, तथा संभव है कि आर्थिक कारणों से बच्चे दूर चले जाएं। अनेक लोगों को अकेले रहना अच्छा लग सकता है लेकिन कुछ लोग बहुत ही अलग थलग पड़ जाते हैं। बीमारी की दशा में अकेले रहना जोखिम पूर्ण हो सकता है। यदि आप अकेले रहते हैं अथवा आप किसी अकेले रहने वाले व्यक्ति को जानते हैं तो आपको इन बिन्दुओं पर ध्यान देना चाहिए:

hand
क्या आप अकेले जीवन यापन पर खुश हैं? आप अन्य विकल्पों पर विचार करना चाह सकते है, जिसमें आश्रय आवास अथवा वृद्धा आश्रम में जाना शामिल है।
hand
आपके पास टेलीफोन होना चाहिए। यदि आपके पास नहीं है तो इसे लगवाने पर विचार करें।
hand
वयोवृद्ध व्यक्तियों में घर में गिर कर चोटग्रस्त हो जाना एक आम बात है। सुरक्षित घर संबंधी अपेक्षाओं की जानकारी इस साइट पर अन्यत्र प्रदान की गई है।
hand
अपने डाक्टर तथा नजदीकी रिश्तेदारों (पता तथा टेलीफोन नम्बर आदि) एक सुस्पष्ट जगह पर रखें ताकि लोगों को यह जानकारी हो कि आपातस्थिति में किससे सम्पर्क करना है।
hand
यदि आप जहां हैं वहीं रहना चाहते हैं तो जैसे जैसे आप की उम्र बढ़ती है तो कतिपय परिवर्तनों से आप अपने जीवन को सरल तथा सुरक्षित बना सकते हैं।
hand
आपके पास मूलभूत सुरक्षापाय होने चाहिए जैसे दरवाजे तथा खिड़कियों पर ताले तथा डोर चेन आदि।
hand
मूलभूत खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा का भण्डारण करके रखें ताकि तीन या चार दिनों के लिए आपके पास पर्याप्त आपूर्ति उपलब्ध हो।

आपातस्थिति में अच्छे लोग वही होते हैं जो आपकी सहायता कर सकते हैं (अथवा जिन्हे आपकी सहायता की आवश्यकता हो सकती है) वह आपके पड़ोसी होते हैं, इसलिए किसी न किसी पड़ोसी के साथ मेलजोल बना कर रखें। यदि आप किसी नजदीकी व्यक्ति के साथ प्रतिदिन टेलीफोन पर बातचीत करते हैं अथवा उनके यहां आना जाना रखते हैं, तो उन्हे इस बात का आभास होगा कि आज कुछ कमी है, अर्थात आपकी वह खोज खबर ले सकेगें। यदि आप कहीं जाने की योजना बना रहे हैं तो उन्हें इसकी जानकारी देना न भूलें।