उच्च रक्त दाब: एक सामान्य लेकिन नियंत्रित किए जा सकने वाली विकृति है।

hand
सामान्य रुप से उच्च रक्त दाब (एच बी पी) के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन इससे उत्पन्न होने वाली जटिलताएं अवश्य दिखाई देती हैं। इसलिए यदि आपका डाक्टर आपको यह कहता है कि आपको उच्च रक्त दाब है तो इसमें आश्चर्य न करें क्योंकि यह आपको महसूस नहीं होता है।
hand
रक्त दाब रीडिंग्स को दो संख्याओं में दर्शाया जाता है जैसे 120/80, जिसे वयस्कों के लिए रक्त दाब की औसत रीडिंग माना जाता है। तथापि, यदि इस रीडिंग से थोड़ी अधिक या कम रीडिंग आती है तो इसे अनिवार्य रुप से असमान्यता नहीं माना जाना चाहिए।
hand
चूंकि यह रोग इतना अधिक व्याप्त है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को हर छह महीने के अंदर अपनी बी पी जांच करवानी चाहिए।
hand
हाईपरटेंशन के अधिकांश मामलों में इसका कोई विशिष्ट कारण नहीं होता है और इसलिए इसका इलाज नहीं किया जा सकता है लेकिन इसे निरन्तर उपचार से नियंत्रित किया जा सकता है।
hand
ऐसे लोग जो तनाव ग्रस्त रहते हैं और तनाव की दशावधि में हाईपरटेंशन बार बार हो जाता है। मानसिक दबाव तथा शरीर द्वारा अधिक मात्रा में गतिविधियों के कारण भी रक्त दाब में वृद्धि हो जाती है।
hand
हल्के हाईपरटेंशन के लिए, आपके डाक्टर द्वारा आपसे वजन कम करने, कम मात्रा में नमक का सेवन करने तथा और अधिक व्यायाम करने की सलाह दी जा सकती है। अपनी दिन प्रतिदिन की आदतों में इन परिवर्तनों को शामिल करके आप अपने रक्त दाब को कम कर सकते हैं। जब आपके रक्त दाब को नियंत्रित करने के लिए दवाओं की आवश्यकता होती है तो भी इन परिवर्तनों की आवश्यकता बनी रहती है। इन परिवर्तनों से आप पर दवा का अच्छा प्रभाव हो सकता है।
hand
जब ह्दय रक्त, रक्त वाहनियों में संचरण करता है तो यह रक्त की वाहिकाओं के प्रति दबाव पैदा करता है। आपके रक्त दाब की रीडिंग इस दबाव का माप होती है।
hand
140/90 से अधिक की रीडिंग को उच्च माना जाता है। उच्च रक्त दाब का चिकित्सीय नाम हाईपरटेंशन है। अनुदारता से किए गए एक सर्वेक्षण के अनुमान के अनुसार 60 वर्ष से अधिक सभी व्यक्तियों में से 40 से 50 प्रतिशत व्यक्ति हाईपरटेंशन के शिकार हैं।
hand
हालांकि कुछ मामलों में हाईपरटेंशन दूसरी बीमारियों के कारण हो सकता है, लेकिन उच्च रक्त दाब से पीड़ित कुल व्यक्तियों की संख्या में ऐसे मामले नगण्य ही हैं। इस प्रकार की हाईपरटेंशन को “सेकण्डरी हाईपरटेंशन” कहा जाता है, जिसे मूल समस्या के उपचार से ठीक किया जा सकता है।
hand
उच्च रक्त दाब के साथ अनेक जोखिम कारक जुड़ें हैं। इनमें परिवार का इतिहास, धूम्रपान, निर्धारित वजन से अधिक वजन, एल्कोहल सेवन तथा सामान्य नमक (सोडियम) का अधिक मात्रा में सेवन तथा इसके साथ निम्न पौटेशियम और कैल्शियम का सेवन करना भी जुड़ा है।
hand
उच्च रक्त दाब का उपचार लगभग जीवन भर चलता रहता है हालांकि दवाई की खुराक को कम किया जा सकता है। कुछ लोगों का यह मानना है कि एक बार बी पी स्तर के सामान्य स्तर तक नीचे आ जाने पर उसके बाद उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।

रक्त दाब की दवाएं

hand
आपके डाक्टर द्वारा आपके लिए भिन्न भिन्न प्रकार की दवाएं दी जा सकती हैं। यदि आपके लिए दीर्घकालिक औषध थेरेपी को विहित किया जाता है तो उदास अथवा हतोत्साहित नहीं हों। जब आपका रक्त दाब नियंत्रित हो जाता है तो आप कुछ समय के पश्चात दवा की कम खुराक ले सकते हैं, लेकिन आपको हमेशा किसी उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है।
hand
जैसा की सभी दवाईयों के साथ होता है रक्त दाब दवाओं के भी अनेक दुष्प्रभाव होते हैं। इनमें : कमजोरी, थकान अथवा टांगों में खिचाव, दुर्बलता अथवा नपुंसुकता, हाथ पैर ठंडे, अवसाद, नींद संबंधी समस्याएं, ह्रदय की धीमी अथवा तेज धड़कन, त्वचा पर ददोरे, स्वाद हीनता, शुष्क खांसी, ऐडी में सूजन, सिरदर्द अथवा चक्कर आना तथा कब्ज आदि शामिल हैं। आपको इन लक्षणों की जानकारी होनी चाहिए तथा यदि आपको इनसे अधिक परेशानी होती है तो अपने डाक्टर से सलाह लें।
hand
रक्त दाब के लिए अनेक प्रकार की दवाएं होती हैं। सामान्य रुप से उपलब्ध दवाएं अधिशेष नमक तथा पानी(मूत्रवर्धक) को कम कर देती हैं तथा ऐसी दवाएं जो तंग रक्त वाहिकाओं को खोल देती हैं (बेटा ब्लाकर्स, ए सी ई इन्हीबिटर्स, कैल्शियम चैनल ब्लाकर्स)

उच्च रक्त दाब से संबंधित याद रखने वाली बातें।

hand
संभव है कि आप बीमार महसूस न करें, हाईपरटेंशन एक गम्भीर स्वास्थ्य समस्या है तथा इसका डाक्टर से इलाज करवाया जाना चाहिए।
hand
दवा को हर रोज एक नियमित समय पर ही लेने का प्रयास करें जैसे ब्रश करने के बाद सुबह अथवा शाम को।
hand
उच्च रक्त दाब से अनेक गम्भीर रोग पैदा हो सकते हैं जिनमें मस्तिष्काघात, ह्दय रोग, तथा गुर्दों द्वारा कार्य बन्द कर देना शामिल होता है। आप उचित उपचार प्राप्त करके इन रोगों से पीड़ित होने के जोखिम से बच सकते हैं। बी पी की जांच कराने पर यदि उच्च रक्त दाब का पता चलता है तो अपने डाक्टर की सलाह का निष्ठा पूर्वक पालन करें।
hand
बी पी को दवाओं से कम किया जा सकता है और यदि दवाएं नियमित रुप से नहीं ली जाती हैं तो यह फिर से बढ़ सकता है।
hand
वजन कम करना, नमक तथा एल्कोहल का कम मात्रा में सेवन करना, तथा व्यायाम आदि लाभदायक हो सकते हैं लेकिन यह डाक्टर द्वारा सिफारिश किए जाने पर ही दवा के प्रतिस्थापक हो सकते हैं।