टहलना
संभवत यह सभी आयु समूहों के लिए सर्वश्रेष्ठ शारीरिक व्यायाम है। ताज़ी हवा में सांस लेने का अवसर तथा वृक्षों को देखने से अवसाद को दूर करने में सहायता मिलती है तथा भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में भी सहायता मिलती है। इससे आपको दूसरे लोगों से मिलने के भी अवसर प्राप्त होते हैं। लेकिन इसके लिए आपको अवश्य ही आरामदायक जूते पहनने चाहिए जिससे आपको पैरों को आराम मिलता रहेगा और आपके पैरों को थकान महसूस नहीं होगी। ऐसे व्यक्ति जिन्हें मध्यवर्ती सुपोर्ट की आवश्यकता होती है, अथवा आपको किसी सहारे की जरूरत है, तो अपने साथ स्टिक लेकर चलना बेहतर रहेगा। ऐसे व्यक्ति जो कि लम्बी सैर पर जा सकते हैं, तथा ऐसे व्यक्ति जो कि पार्क में जाकर बैठना पसंद करते हैं, तो पानी की एक छोटी बोतल ले जाने से प्यास लगने पर वह बहुत उपयोगी साबित होगी। लेकिन, यदि कोई व्यक्ति व्हीलचेयर पर, तो उद्यान में जाना बहुत अधिक संभव होगा क्योंकि उसके साथ शारीरिक बाधाएं जुड़ी हैं। लेकिन एक अन्य लाभदायक बात हो सकती है- मॉल्स जहां सहायक के साथ व्हीलचेयर पर भी जाया जा सकता है। व्हीलचेयर पर रहने वाले व्यक्ति के लिए इस प्रकार से घूमना फिरना हर रोज संभव नहीं होगा लेकिन इसे विन्डो शापिंग से साथ जोड़ा जा सकता है, तथा यदि किसी को अच्छा लगता है तो मित्र, जानकार अथवा परिवार के सदस्य के साथ काफी का आनन्द लिया जा सकता है। वस्तुत मॉल्स के अलावा, आपके लिए अन्य रुचिकर स्थान भी हो सकते हैं- संभवत एक संग्रहालय जहां आप अपने साथी अथवा अकेले जा सकते हैं, तथा वहां लंच अथवा काफी ले सकते हैं। आप दिन में कहां जा सकते हैं, तो इसकी जानकारी लेने के लिए आप समाचारपत्र में “व्ट्स ऑन ” सेक्शन में यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि कहां क्या आयोजित किया जा रहा है तथा आप अपने दिन अथवा सप्ताह की अपनी रुचि के अनुसार योजना बना सकते हैं।
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पक्षियों का अवलोकन (बर्ड वाचिंग)
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यह ऐसे लोगों के लिए शानदार गतिविधि है जो प्रकृति से प्यार करते हैं लेकिन शारीरिक सीमाओं के कारण, परिवहन, संगी साथी के अभाव में अथवा किसी अन्य व्यावहारिक समस्या के कारण वनों अथवा मैदानों में प्रकृति की सैर पर नहीं जा सकते हैं। इस गतिविधि को शुरु करने के लिए पड़ोस का उद्यान एक अच्छा विचार है। यदि आप इस शोक के प्रति गम्भीर हैं और आप इस संबंध में कुछ नए विचार तथा बहुत अधिक रूचिकर जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो http://www.birding.in/को देख सकते हैं।
फोटोग्राफी
एक अन्य गतिविधि जिसे पिछली दो गतिविधियों से जोड़ा जा सकता है अथवा इसका स्वतंत्र रुप से आनन्द लिया जा सकता है वह फोटोग्राफी है। बस आपको एक कैमरे की आवश्यकता है। यह एक व्यवहारिक तरीका है कि एक डिजिटल कैमरा लें, तथा जो कुछ आपको रुचिकर लगता है, उसे क्लिक करते रहें और इसे अपने कैमरे अथवा कम्प्यूटर पर सहेजते रहें। यह विषय आधारित हो सकता है- जैसे प्रकृति, अथवा वाहन, अथवा मानव, कुछ भी जो आपको आकर्षित करता हो। इसके बाद इसे अपने कम्प्यूटर पर स्क्रैपबुक प्रकार की फाइल में समेकित किया जा सकता है। यदि आपकी रुचि है तो आपको अधिक जानकारी http://www.asianphotographyindia.com/default.htm से प्राप्त कर सकते हैं। कुछ आधारभूत तथा डिजिटल फोटोग्राफी तकनीकों तथा फोटोगैलरियों की शहर वार सूची तथा अन्य संबंधित जानकारी आपhttp://www.photolinks.com/resources.html? से प्राप्त कर सकते हैं।
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बाग़बानी
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एक उद्देश्य पूर्ण गतिविधि जो आपको प्रकृति के समीप ले जाती है। आपको बस एक जमीन का टुकड़ा चाहिए अथवा कुछ गमले जिन्हें आप अपनी बाल्कनी अथवा घर के बाहर में रख सकें, तथा आपको कुछ चमकदार रंग के उपकरण चाहिए। कुछ वेबसाइट्स तथा पुस्तकें आपके उद्यान का सृजन करने के लिए पर्याप्त हैं तथा संभवत आप कुछ सब्जियां भी उगा सकते हैं, इसके लिए http://www.seasonsindia.com/lifestyle/gardening_sea.htmhttp://www.cityfarmer.org/kitchenIndia.html. देखें। लेकिन सावधान रहें- जब बाहर बहुत गर्मी हो तो उस समय बागबानी न करें, यह कार्य सुबह तथा शाम को करें। यह भी महत्वपूर्ण है कि भारी गमलों आदि को न उठाएं जिससे आपकी पीठ पर बल पड़ सकता है। यदि आपकी पीठ में परेशानी रहती है, तो गमलों को ऊंचे उठे हुए स्थान पर रखना सहायक साबित होता है ताकि आपको बहुत अधिक न झुकना पड़े।
खेल कूद
यदि आपका डाक्टर तथा शारीरिक स्वास्थ्य इस बात की अनुमति देता है तो खेलकूद एक बहुत अच्छा व्यायाम तथा आमोद प्रमोद का साधन है – चाहे यह गोल्फ हो, बैडमिंटन, टैनिस, तैराकी कुछ भी क्यों न हो अथवा इसके अलावा आपकी रूचि का कोई अन्य खेल हो। सामाजिक रुप से भी दूसरे लोगों के साथ मेलजोल का यह एक उत्कर्ष साधन है।
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व्यायाम
यह एक ऐसी गतिविधि है जिसे सभी आयु समूहों के व्यक्तियों के लिए सभी डाक्टरों तथा स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा सुझाया जाता है। आजकल भिन्न भिन्न प्रकार के व्यायामों को किया जाता है जो कि आराम तथा सहज होने का सर्वोत्तम तरीका हैं तथा इससे शारीरिक तथा मानसिक फिटनेस में भी सहायता मिलती है। इनमें कुछ निम्नलिखित हैं
योग
विकीपीडिया के अनुसार योग का उद्देश्य सर्वोच्च सत्ता के साथ एकाकार होना है। लेकिन, इससे शारीरिक तथा मानसिक फिटनेस भी प्राप्त होता है। एक पेशेवर योग गुरु द्वारा प्रस्तुत टी वी कार्यक्रम में योग के लाभों को दिखाया/बताया जाता है तथा यह भी बताया जाता है कि इसे किस प्रकार से करना है। आप योग के संबंध में अधिक जानकारी के लिए http://www.yogapoint.com/index.htm वेबसाइट को भी देख सकते हैं। लेकिन किसी योग्य योग गुरु से उचित तथा सही योग मुद्राएं सीखना अनिवार्य है। भारत के विभिन्न शहरों तथा विश्वभर में स्थित योग केन्द्रो के पतों की जानकारीhttp://www.yoga-centers-directory.net/india/india.htmवेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है।
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टाई- ची
यह चीन की मार्शल आर्ट है जिसे आजकल बहुत मान्यता प्राप्त हो रही है, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए क्योंकि यह एक ‘सहज कौशल’ है तथा इसके स्वास्थ्य तथा आयु संबंधी अनेक लाभ हैं। यह दीर्घ प्रवाहित गतिशीलताएं हैं जिन्हे धीमे तथा शालीनता पूर्वक ढ़ंग से किया जाता है। प्रत्येक मुद्रा अगली मुद्रा में निर्बाध रुप से परिवर्तित होती है। योग की तरह, टाई-ची विभिन्न रोगों जैसे संन्धिशोथ, मधुमेह, ओस्टियोपोरोसिस आदि में लाभदायक होती है। भारत के विभिन्न शहरों में टाई-ची अनुदेशकों की सूची को http://www.taichinetwork.org/searchpages/Asia-India-Tai-Chi-teachers.html वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
जीवन की कला (आर्ट ऑफ लिविंग)
इसके लिए समर्पित वेबसाइट http://www.artofliving.org/AboutUs/tabid/60/Default.aspx के अनुसार जीवन की कला के लिए की गई पहल के अंतर्गत इस धरा पर प्रत्येक मनुष्य के सम्मान को बनाए रखने के लिए प्रयास किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक मनुष्य को तनाव रहित मन, एक स्वस्थ शरीर तथा व्यक्तिगत और आध्यात्मिक विकास के लिए अपनी संभाव्यताओं का उच्चतम स्तर प्राप्त करने का अवसर देने की बात कही जाती है। आर्ट ऑफ लिविंग फांउडेशन, सामाजिक कल्याण के लिए एक गैर सरकारी संगठन है। http://www.artofliving.org/Centers/tabid/66/Default.aspx पर भारत में आर्ट ऑफ लिविंग केन्द्रों की सूची उपलब्ध है। इस संगठन की स्थापना श्री श्री रवि शंकर द्वारा की गई थी और इनके द्वारा स्व विकास की अनेक तकनीकों का विकास किया गया है जिन्हें सरलता से दैनिक जीवन में शामिल किया जा सकता है ताकि मन को शान्त किया जा सके और विश्वास तथा उत्साह से स्वयं को परिपूर्ण किया जा सके। उनके द्वारा विकसित एक खास तकनीक है जिसे सुदर्शन क्रिया कहा जाता है, एक शक्तिशाली श्वसन तकनीक है जो शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक तथा सामाजिक कल्याण को सुगम्य बनाती है।
(http://www.artofliving.org/Centers/tabid/66/Default.aspx) पर भारत में आर्ट ऑफ लिविंग केन्द्रों की सूची उपलब्ध है।
बाहरी गतिविधियों की सूची यहीं तक सीमित नहीं है। आप अपनी कल्पना का उपयोग कर सकते हैं और जो कुछ आपको अच्छा लगता है आप कर सकते हैं, जिससे आप व्यस्त रहें तथा अपने आप को सम्पूर्णता की भावना से ओतप्रोत कर सकें। ऐसी गतिविधि/गतिविधियां जिन्हें आप करना चाहते हैं, जैसे सैर करना आदि यदि उसके/उनके लिए आप समय निकालते हैं तो आपको संभवत अधिक लाभ मिलेगा। यदि आप प्रतिदिन सैर के लिए समय निर्धारित करते हैं तो मानसिक रुप से तैयार होंगे तथा साथ ही आपका शरीर भी इसके लिए तत्पर होगा और आपकी सोच भी अनुशासित होगी तथा आप आगे बढ़ पाएगें।
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